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आयोध्या के श्री राम लला प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत एक छोटे से ग्राम बरथून के सनातन धर्म प्रेमियों ने समृद्धि और सजीवता का संकल्प लेते हुए राम यात्रा के साथ जन सहयोग से एक सामूहिक भंडारा आयोजित किया। यह एक अद्वितीय आत्मसात का माहौल था।
इस भंडारे में, ग्राम के विभिन्न वर्ग के लोगों ने एक दूसरे के साथ समर्पण भावना को महसूस किया। महोत्सव की शुरुआत में, गाँववाले बच्चे बुजुर्ग, माता-बहनें सभी मिलकर एक अद्वितीय राम यात्रा का आयोजन किया। यात्रा के दौरान, गगन भेदी “राम नाम जयकारे” और “राम नाम संकीर्तन” का जाप हमेशा सुनाई देता रहा।
लोग एक दूसरे को आयोध्या के श्री रामलला जन्म भूमि की कहानी सुना रहे थे, प्रेम और समर्पण से भरे हुए थे। इस यात्रा में खास बात यह थी कि बुजुर्ग माता-बहनें भी इसमें भाग ले रही थीं। उनका उत्साह देखकर यह लगता था कि राम का नाम उनके दिलों में बस गया है, सभी ने महसूस किया कि प्रेम और एकता ही हमारे समाज को मजबूत बना सकती हैं।
यात्रा के अंत में, गाँववाले लोग एक बड़ी सी सभा में स्कूल मैदान में जमा होकर सामूहिक भंडारा आयोजित किया। यह भंडारा केवल अन्न-प्रशाद से भरपूर था ही, बल्कि पस्पर एक अदान-प्रदान भी था जिसमें हर व्यक्ति ने अपने भक्ति भाव से भरा हुआ था। लोग स्वादिष्ट पकवानों को एक साथ शेयर कर रहे थे।
भंडारा के दौरान, बुजुर्ग माता-बहनें और छोटे बच्चे ने उत्साह से गगन भेदी राम नाम जयकारे में भाग लिया। उनका नृत्य सभी के दिलों को मोहित कर रहा था। हर कदम पर, उनका नृत्य सभी के मन को भा गया। यह दृश्य सभी के दिलों को छूने वाला था और उनमें एक अलग प्रकार का आनंद भर गया था।
गाँववालों का यह सामूहिक कार्य एक अद्वितीय उदाहरण था कि धार्मिक उत्सव हमारे समाज को एकत्रित कर सकता है। यह महोत्सव न केवल सनातन धर्म के प्रति प्रेम को बढ़ाया, बल्कि सामाजिक एकता और सहायता का भी एक प्यारा संदेश दिया। लोग एक दूसरे के साथ प्रेम और समर्पण में भरपूर भावनाओं को महसूस कर रहे थे।
इस दौरान, बरथून के श्री राम मंदिर से यात्रा का शुभांरभ हुआ, इस महोत्सव ने एक प्यारा और अद्वितीय अनुभव दिया। लोगों ने अपने दिलों में प्रेम और भक्ति को महसूस किया, और सामाजिक एकता का एक नया महौल दिया। यह महोत्सव न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि एक समृद्ध समाज के निर्माण में भी योगदान देने वाला था।
इस अवसर पर ग्राम बरथुन के सरपंच श्रीमति कांताबाई अंबालाल पाटीदार, उपसरपंच श्रीमति गंगा दिनेश नन्दवाना, समाज सेवि एलएन पाटीदार, सुभाष पाटीदार, ईश्वरलाल पाटीदार, कवंरलाल पाटीदार, आदि कई समाज सेवियों ने सेवा की, लोगों ने महसूस किया कि धार्मिक उत्सव आध्यात्मिक दृष्टि से आज भी कितने महत्वपूर्ण होते हैं,
इस अद्भुत महोत्सव के द्वारा, ग्राम बरथून ने समृद्धि, धर्मिकता, और सामूहिक एकता के मूल्यों को प्रमोट किया। साथ-साथ, समुदाय के सभी सदस्यों के सहयोग से यह महोत्सव सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचा। निदेशक एवं संपादक दीनबंधु बैरागी की यह प्रस्तुति आपको पसंद आई होगी, इसे अपने मित्रों को जरूर बताएं,
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